पितरों को श्रद्धा अर्पित, श्राद्ध पक्ष में समर्पित। विधा का विधान रचित, आत्मा शांति हे पितरों को श्रद्धा अर्पित, श्राद्ध पक्ष में समर्पित। विधा का विधान रचित, आत्मा...
आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ की भी साड़ी थी, आज बाबू जी को खीर खाने का मन था, लेकिन दूध का इंतजाम हो न पाया। माँ ...
गाँव वाले मौन रह गए किया न कोई सवाल, जैसा इन बेटों ने किया कोई करे न गाँव वाले मौन रह गए किया न कोई सवाल, जैसा इन बेटों ने किया कोई करे न
क्यों ना आज हम कुछ बदलने की सोचें, मुश्किल जरूर है पर दिल से सोचें, इंसान के जाने क क्यों ना आज हम कुछ बदलने की सोचें, मुश्किल जरूर है पर दिल से सोचें, ...
बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था। बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था।
खुद को झोंकना पड़ता है जनाब, तभी तो सच होते हैं ख्वाब। खुद को झोंकना पड़ता है जनाब, तभी तो सच होते हैं ख्वाब।